Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Aug-2022 - जिंदगी का फ़लसफ़ा

जिंदगी का फ़लसफा समझ नहीं आता,
आसानी से मिला मन को नहीं भाता।
राहों में आ जाते हैं जो गमों के कांटे यूं ही,
अब उनके बिना रहा भी तो नहीं जाता।
आदत कुछ ऐसी मुस्कुराने की हो गई हमें,
ज़ख्मी दिल में खून का कतरा नहीं पाता।।


#दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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10 Comments

Mithi . S

20-Aug-2022 03:15 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 03:14 PM

बेहतरीन रचना

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Khushbu

19-Aug-2022 05:54 PM

बहुत खूब

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